IP Address क्या होता है ? || Types of IP Address || आसान भाषा में पुरी जानकारी || Technical Support
आई पी एड्रेस की पूरी जानकारी हिंदी में
यदि आप एक स्मार्टफोन User हैं तो आपने कभी-न-कभी IP Address का नाम सुना ही होगा. स्मार्टफोन हो या कंप्यूटर प्रत्येक Device के लिए अलग-अलग IP Address निर्धारित किया जाता है.IP Address किसी भी Device का महत्वपूर्ण फ़ीचर होता जो किसी भी डिवाइस के बीच संचार (communication) के रूप में कार्य करता है. औऱ इसकी मदद से हम एक Device से दूसरे Device को Connect कर सकते हैं. चलिये जानते हैं कि आखिर IP Address क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण होता है?1. IP Address क्या है?
आज इंटरनेट की इस दुनिया मे बहुत से तत्व हैं जिनकी मदद से एक जगह से दूसरी जगह डाटा ट्रांसफर किया जाता है.इन्ही इंटरनेट तत्वों में से एक होता हैं IP Address.
IP Address का पूरा नाम “इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस” (IP Address Full Form in Hindi) यह गणितीय अंकों के रूप में होता है. तथा स्मार्टफोन हो या कंप्यूटर प्रत्येक डिवाइस के लिए एक अलग IP Address होता है.
IP Address आपके, हमारे डिवाईस का नाम होता है. इस नाम से ही उसे इंटरनेट की दुनिया में पहचाना जाता है.
बिना IP एड्रेस के हम एक डिवाइस को दूसरे डिवाइस के साथ नेटवर्क कनेक्ट नहीं कर सकते. इसलिये ब्राउज़र में किसी विषय पर सर्च करने के दौरन IP Address से Router को ज्ञात होता है कि उसे यह डाटा कहाँ पहुँचाना है और Router जानकारी एकत्र कर उस IP Address तक जानकारी पहुँचाता है.
ध्यान दें:- किसी भी कंप्यूटर के लिए दो IP Address हो सकते हैं, पहला इंटरनेट कनेक्शन के लिए तथा अन्य लोकल एरिया नेटवर्क के रूप में मौजूद हो सकता है.
2. IP Address के संस्करण (IP Address Versions in Hindi)
2.1 IPV4
IP Address के दो Version हैं. पहला IPV4 Address है जिसे 1983 में विकसित किया गया. IPV4 32 बिट होता है. IPV4 एड्रेस कुछ इस तरह दिखाई देता है 172.16.254.1 जिसे चार भागों में विभाजित कर दशमलव से अलग किया जाता है. तथा प्रत्येक रेंज 0 से लेकर 255 तक होती है. जिसमें प्रत्येक भाग 8 बिट्स का होता है.
आमतौर पर IPV4 बाइनरी, हेक्साडेसीमल आदि रूप में दिखाई देता है. लेकिन IPV4 में केवल सीमित आईपी एड्रेस हो सकते हैं. अभी लगभग सभी डिवाइस में IP4 Address उपलब्ध होता है.
2.2 IPV6
परन्तु पिछले कुछ सालों से इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या के कारण IP4 Version (संस्करण) के स्थान पर IP6 Version को विकसित किया गया जिसमें असीमित IP एड्रेस तैयार किये जा सकते हैं.
IPV4 में केवल 32 बिट्स होते हैं, परन्तु IPV6 में बढ़ाकर128 बिट्स कर दिया गया है. IPV6 को एक बड़े स्तर पर लॉन्च किया गया जिसमें अनेक उपयोगी तकनीक को जोड़ा गया है, जिससे यह किसी Router के पूरे नेटवर्क को आटोमेटिक बदल सकता है. और वर्तमान में आधुनिक डेस्कटॉप तथा सर्वर में IPV6 का सपोर्ट होता है.
3. IP एड्रेस के प्रकार (Types of IP Address in Hindi)
IP Address के दो प्रकार होते हैं.
Private IP Address
Public IP Address
3.1 Private IP Address
जब मोबाइल, कंप्यूटर आदि एक से अधिक डिवाइस किसी केबल या वायरलेस रूप में कनेक्ट होते हैं, तो यह प्राइवेट IP एड्रेस का निर्माण करते हैं. इसमें कनेक्ट किये गए सभी डिवाइस के IP को प्राइवेट एड्रेस कहा जाता है.
3.2 Public IP Address
पब्लिक IP एड्रेस दो प्रकार के हो सकते हैं, पहला Static IP Address जिसे ISP (Internet Service Provider) द्वारा किसी Server को Access करने के लिए खरीदा जाता है. Public IP Address इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) द्वारा दिया जाता है. जिसे हम बदल नही सकते हैं. तथा यह एड्रेस सबसे अलग होता है. जैसे, एक वेबसाइट, DNS Server आदि.
दूसरी ओर डायनामिक IP Address इंटरनेट कनेक्शन पर आधारित होता है तथा यह कंप्यूटर के इंटरनेट से कनेक्ट होने पर स्वतः बदल जाता है.
ipv4